Delhi-Dehradun Expressway: यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत के परिवहन ढांचे में क्रांति लाने के लिए तैयार है. 212 किलोमीटर लंबी यह 6-लेन एक्सप्रेसवे दिल्ली को उत्तराखंड की राजधानी से सीधे जोड़ेगी. आइए जानते हैं इसकी खासियतों और वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से.

Delhi-Dehradun Expressway का रूट और फीचर्स
Delhi-Dehradun Expressway दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर बागपत. शामली. सहारनपुर होते हुए देहरादून पहुंचता है. प्रोजेक्ट में 113 अंडरपास. 5 रेलवे ओवरब्रिज और 16 एंट्री-एग्जिट पॉइंट शामिल हैं. खास बात यह है कि राजाजी नेशनल पार्क में एशिया का सबसे लंबा 12 किमी एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया गया है. जो जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. पहले 18 किमी (अक्षरधाम से लोनी तक) में टोल फ्री यात्रा की सुविधा दी गई है.
निर्माण और चरण
इस परियोजना को 4 चरणों में बांटा गया है. पहले चरण में दिल्ली से बागपत तक 32 किमी का हिस्सा बनकर तैयार है. जो यात्रा समय को 2 घंटे से घटाकर 20 मिनट कर देगा. दूसरे चरण में बागपत से सहारनपुर तक 118 किमी का निर्माण कार्य चल रहा है. तीसरे चरण में सहारनपुर से गणेशपुर (उत्तराखंड बॉर्डर) तक 40 किमी और अंतिम चरण में 20.7 किमी का हिस्सा पहाड़ी इलाके में बनाया जा रहा है. जिसमें 2.3 किमी लंबी ट्विन टनल और 4.8 किमी एलिवेटेड रोड शामिल है.
फायदे और प्रभाव
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से देहरादून की यात्रा को 6.5 घंटे से घटाकर सिर्फ 2.5 घंटे कर देगा. पर्यटकों को मसूरी. ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी. रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स के मुताबिक. पूर्वी दिल्ली. सहारनपुर और देहरादून के आसपास के इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतों में 20-25% तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. स्थानीय व्यापारियों को दिल्ली के बाजारों तक तेज पहुंच से फायदा मिलेगा. मरीजों के लिए जॉली ग्रांट हॉस्पिटल पहुंचना आसान हो जाएगा.
कीमत और वर्तमान स्थिति
13,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का 80% काम पूरा हो चुका है. मार्च 2025 तक शेष कार्य पूरा करने का लक्ष्य है. फिलहाल दात काली से अशरोड़ी तक 3.5 किमी का सेक्शन पहले ही खोल दिया गया है. ऑनलाइन टोल पेमेंट की सुविधा और हर 50 किमी पर मॉडर्न रेस्ट एरिया इसकी खासियत हैं. अधिकतम गति सीमा 100 किमी/घंटा रखी गई है.