Hathras FourLane Flyover: हाथरस का फोरलेन फ्लावर प्रोजेक्ट हाथरस की यातायात समस्या को हल करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा. 65 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन फ्लाईओवर का निर्माण मार्च 2025 में शुरू होने वाला है. आइए जानते हैं इसकी प्रमुख विशेषताएं. निर्माण समयसीमा और लाभों के बारे में विस्तार से.

प्रोजेक्ट का विवरण और निर्माण समयसीमा
यह फ्लाईओवर अलीगढ़-हाथरस के 64 गांवों से होकर गुजरेगा. 65 किमी लंबाई वाले इस प्रोजेक्ट पर 3,200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित है. निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में 37 किमी और दूसरे में 28 किमी का निर्माण शामिल है. मिट्टी की जांच और भू-अधिग्रहण प्रक्रिया मई 2025 तक पूरी करने का लक्ष्य है.
फ्लाईओवर की खासियतें और तकनीक
इस प्रोजेक्ट में 1 रेल-ओवर-ब्रिज. 3 फ्लाईओवर और 55 अंडरपास बनाए जाएंगे. निर्माण में V-शेप सपोर्ट कॉलम तकनीक का उपयोग होगा जो 100 साल से अधिक टिकाऊ होगी. हाइब्रिड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम. 24×7 पेट्रोलिंग और एम्बुलेंस सुविधा जैसे फीचर्स शामिल हैं.
कनेक्टिविटी और आर्थिक लाभ
यह फ्लाईओवर यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़कर आगरा. नोएडा और दिल्ली तक पहुंच आसान बनाएगा. यातायात समय 60% तक कम होगा. औद्योगिक कॉरिडोर को बढ़ावा मिलेगा. विशेषकर अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर के लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा. पर्यटन और कृषि उत्पादों की ढुलाई भी तेज होगी.
प्रोजेक्ट की प्राइसिंग और फंडिंग
पूरे प्रोजेक्ट पर 3,200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त फंडिंग से यह प्रोजेक्ट चल रहा है. निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. मार्च 2025 तक कंस्ट्रक्शन कंपनी का चयन कर लिया जाएगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हाथरस और अलीगढ़ के लगभग 1500 किसने की जमीन की जरूरत पड़ेगी और सरकार में जमीन को हासिल करने के लिए सर्किल रेट से कई गुना ज्यादा पैसा देने के लिए तैयारी कर रही है.